दिल्ली: देश को कोरोना संकट से जूझते हुए सात महीने का समय बीत गया है. लॉकडाउन और कई पाबंदियों के चलते अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी में भी 23.9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. इस बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी ये बात स्वीकार की है कि अर्थव्यवस्था के सामने अब भी चुनौतियां बरकरार हैं.
एक निजी अखबार को दिए इंटरव्यू में निर्मला सीतारमण ने कहा, “अर्थव्यवस्था अलग तरह की चुनौतियों का सामना कर रही है और कोरोना संकट कब खत्म होगा इस बारे में कुछ पक्का नहीं का जा सकता. खास तौर से जब इसकी कोई वैक्सीन नहीं आ सकी है. 6 महीने में वास्तव में चुनौतियां कम नहीं हुई है, बल्कि चुनौतियों का तरीका बदल गया है और मंत्रालय समस्या के समाधान के लिए तेजी से एक्शन ले रहा है.”
उन्होंने कहा, ‘कोरोना मामले प्रति मिलियन कम हुए हैं और मृत्यु दर भी कम है, इसकी वजह लोगों में जागरूकता का बढ़ना है लेकिन कोविड-19 अभी भी बहुत चिंता का विषय बना हुआ है. सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनना और बार-बार हाथ धोने तक की आदत अभी भी बनी हुई है, इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है.’
वित्त मंत्री ने कहा, ‘कोरोना की पूरी तरह से असरदार कोई दवा नहीं है. कोरोना के खत्म होने की कोई निश्चित तारीख भी नहीं है और कुछ स्थानों पर लोग ठीक होने के बाद दोबारा बीमार हो रहे हैं. छोटे और मध्यम व्यापारियों से जुड़े लोगों के दिमाग में कई अनिश्चितताएं हैं. सर्विस सेक्टर पर इसका ज्यादा असर पड़ा है.’